हेल्लो दोस्त, आज हम बिहार के दरभंगा में जन्मे वैद्यनाथ मिश्र, जिसे लोक कवि नागार्जुन के नाम से भी जाना जाता है उनका बायोग्राफी हिंदी में जानेंगे। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि नागार्जुन कौन थे, उनका जन्म कब और कहाँ हुआ था? तो आइए हम उनके इस महान जीवन का वर्णन विस्तार में जाने –
नागार्जुन का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
वैद्यनाथ मिश्र, जिन्हें उनके उपनाम नागार्जुन से बेहतर जाना जाता है, का जन्म 11 जून 1911 (ज्येष्ठ पूर्णिमा) को भारत के बिहार के दरभंगा जिले के ग्राम पंचायत तरौनी और ब्लॉक बेनीपुर में हुआ था। उन्होंने अपना अधिकांश प्रारंभिक जीवन अपनी माँ के गाँव बिहार के मधुबनी जिले के सतलखा में बिताया।
नागार्जुन का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
नागार्जुन का बचपन कठिनाइयों से भरा था। जब वह केवल चार वर्ष के थे, तब उनकी माँ की मृत्यु हो गई और उनके पिता, जो स्वयं एक आवारा थे, उनका भरण-पोषण नहीं कर सके।
इन चुनौतियों के बावजूद, नागार्जुन अपने रिश्तेदारों के समर्थन और अपनी असाधारण शैक्षणिक क्षमताओं के दम पर आगे बढ़े।
वह जल्दी ही संस्कृत, पाली और प्राकृत भाषाओं में पारंगत हो गए, पहले उन्हें स्थानीय स्तर पर और बाद में वाराणसी और कलकत्ता में सीखा।
नागार्जुन का साहित्यिक कैरियर
नागार्जुन ने अपने साहित्यिक करियर की शुरुआत 1930 के दशक की शुरुआत में यात्री नाम से मैथिली कविताएँ लिखकर की थी। उन्होंने जल्द ही हिंदी में भी कविता लिखना शुरू कर दिया।
1935 में, उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाकर और श्रीलंका के केलानिया में एक मठ में प्रवेश करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। इसी समय उन्होंने “नागार्जुन” नाम अपनाया।
नागार्जुन का बाद का जीवन
नागार्जुन एक बेचैन और भावुक व्यक्ति थे, जो सामाजिक न्याय और राजनीतिक सुधार के प्रति प्रतिबद्धता से प्रेरित थे। उन्होंने पूरे भारत में बड़े पैमाने पर यात्रा की, कई जन आंदोलनों में भाग लिया और अपनी सक्रियता के लिए जेल में भी समय बिताया।
मुख्यधारा के राजनीतिक प्रतिष्ठानों से चुनौतियों और विरोध का सामना करने के बावजूद, वह दलितों और हाशिये पर पड़े लोगों के अधिकारों के लिए एक मुखर वकील बने रहे।
नागार्जुन की विरासत
नागार्जुन को आज एक प्रखर लेखक, एक निडर कार्यकर्ता और आम लोगों के चैंपियन के रूप में याद किया जाता है। उनकी कविताओं और उपन्यासों को उनकी सशक्त सामाजिक टिप्पणी और गीतात्मक सुंदरता के लिए पढ़ा और सराहा जाता रहा है।
उन्हें मैथिली साहित्य में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक माना जाता है और भारत में सामाजिक न्याय की लड़ाई में एक प्रमुख आवाज मानी जाती है।
Nagarjun कौन थे? – Biography in Hindi
नागार्जुन का जन्म 11 जून, 1911 को भारत के बिहार के दरभंगा जिले में हुआ था।
उन्होंने अपना प्रारंभिक जीवन मधुबनी जिले में अपनी मां के गांव में बिताया।
वह एक विपुल लेखक थे, जो मैथिली और हिंदी दोनों में अपनी कविता और उपन्यासों के लिए जाने जाते थे।
1935 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया और “नागार्जुन” नाम अपना लिया।
वह एक समर्पित कार्यकर्ता थे जिन्होंने कई सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों में भाग लिया।
उन्हें मैथिली साहित्य की सबसे महत्वपूर्ण हस्तियों में से एक और भारत में सामाजिक न्याय का चैंपियन माना जाता है।