वैसे तो हम इन सब जनरल टॉपिक के बारे में ज्यादा आर्टिकल नहीं लिखते है लेकिन बुग्याल जैसे इंट्रेस्टिंग टॉपिक के बारे में लिखने के लिए मेरा मन बार बार आकर्षित हो रहा था इसीलिए हमने बुग्याल क्या है और किसे कहते है लिखना पसंद किया . यह कोई खास चीज नहीं है वस एक जगह का नाम है जिसके बारे में पढ़ कर शायद आपको भी मजा आए.
तो आइए जानते है कि बुग्याल क्या है, आखिर हम bugyal किसे कहते है . असल में इसके बारे में आप class 4 में पढ़ चुके होंगे , लेकिन यह इतना इम्पोर्टेन्ट question है कि इसे upsc जैसे एग्जाम में भी पूछा जाता है . अगर इतनी छोटी सी बुग्याल जैसे क्वेश्चन का आंसर पता न हो तो क्या कहना . इसीलिए हमें बुग्याल के बारे में जानकारी होने चाहिए.
बुग्याल क्या है – What is Bugyal in Hindi
हिम रेखा और वृक्ष रेखा का जो पहाड़ी क्षेत्र होता है आमतौर पर उसे ही बुग्याल कहा जाता है . उतराखंड और गढ़वाल के क्षेत्र में टिम्बर रेखा है , जहाँ से यह रेखा समाप्त होती है वहीँ से एक हरे मखमली घास के मैदान की शुरुआत होने लगती है . असल में उतराखंड और गढ़वाल के इसी मैदानी क्षेत्र को बुग्याल कहा जाता है . यह मखमली घास का मैदान 8 से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थिति है क्योंकि यह एक पहाड़ी इलाका है.
जब मई जून में वर्षात की महिना आती है तो यहाँ की वर्फ पिघलने लगते है और मैंदान में हरे भरे घास और फूल उगने लगते है जो देखने में काफी खुबसूरत लगते है. यही वजह है कि टूरिस्ट यहाँ पर ट्रेवल करना काफी पसंद करते है . कहा जाता है कि बुग्याल मैंदान पर चलना बिल्कुल गद्दे पर चलना जैसे लगता है. क्योंकि वर्षात के मौषम में यहाँ पर रंग विरंगे फुल खिल जाते है और इन बुग्यालों के पौधे भी छोटे होते है .
बुग्याल क्षेत्र के फायदे
1. स्थानीय लोगो और पशुओं के लिए चरगाह का काम देते है बुग्याल क्षेत्र.
2. टूरिस्ट यानि ट्रेवल करने के लिए सुन्दर और आरामदेय जगह .
3. सर्दियों में जब इन बुग्यालों पर वर्फ जमा हो जाते है तब यह खेलने का बहुत ही अच्छा अड्डा बन जाता है .
4. कई मीलों तक फैले मखमली घास के इन ढलुआ मैदानों पर दुनिया भर से प्रकृति प्रेमी ट्रेवल करने आते जिन्हें इन बुग्यालों पर सैर करने से आत्मा तृप्त हो जाती है मन में एक सांति सी आ जाती है , प्रकृति के पति प्रेम जागृत होता है इन हरे भरे मैदान को देखकर.
बुग्याल पर कब और कैसे जाए
भले ही आप देश के किसी भी कोने में क्यों न हो इन बुग्यालों तक पहुँचने के लिए बस या रेलगाड़ी मिल ही जाती है . आपको सिर्फ ऋषिकेश या कोटद्वार पहुंचना है . वहां से बस , टैक्सी या ऑटो रिक्शा से चमोली, टिहरी और उत्तरकाशी जा सकते है . वैसे आप हवाई जहाज से भी जौली ग्रांट हवाई अड्डा जा सकते है जो ऋषिकेश से नजदीक कुछ ही दुरी पर है.
फिर आप बस , या ऑटो रिक्शा से बुग्याल के पहाड़ी इलाका तक पहुँच कर वहां के स्थानीय लोगो से जगह के बारे में ज्यादा जानकरी ले सकते है . बुग्याल क्षेत्र या कहे बुग्याल पहाड़ी मैदान में पहुँचने के बाद आप अपने सफर का आनंद ले सकते है . जगह के बारे में नयी नयी जानकारियां इक्कठा कर सकते है .
कहा जाता है कि इन बुग्याल क्षेत्रों में वर्षात के महीने में जाना अच्छा नहीं होता है . क्योंकि सितंबर-अक्टूबर में वारिश के कारण प्रकृति बिलकुल भद्दा सा लगता है, बुग्यालों का रंग बदल चूका होता है और वर्फ जमना शुरू होने लगता है . यदि आपको इन जगहों पर सैर करने जाना ही है तो मई-जून के महीने में जाए क्योंकि इस समय बुग्याली मैदान हरयाली और फूलों से भरा होता है जिसका आप मजा ले सकते है .
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निष्कर्ष
फाइनली आज आपने जाना कि बुग्याल क्या होता है और किसे कहते है जिसे शायद आपने क्लास 4 में पढ़ा होगा . पर यह upsc के लिए काफी इम्पोर्टेन्ट टॉपिक है जिसका आंसर आज आपने जान लिया . वैसे शॉर्ट में हिम रेखा और वृक्ष रेखा का जो पहाड़ी क्षेत्र होता है आमतौर पर उसे ही बुग्याल कहा जाता है .
तो दोस्त मैं उम्मीद करता हूँ कि बुग्याल क्या है (what is bugyal in hindi) आपको बहुत हद तक पसंद आया होगा, टाइम मिले तो एक बार इन जगहों पर जरुर जाना . अगर आपको लगता है इस आर्टिकल में सुधार होने चाहिए या फिर बुग्याल से रिलेटेड कोई डाउट हो तो हमें कमेंट में बताए ताकि हम खुद को और आपको हेल्प कर सके .
Nice